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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः

क्लीङ्कारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते ॥ ८ ॥

हुं हु हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी।

नमः कैटभ हारिण्यै, नमस्ते महिषार्दिनि।।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः

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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः

यस्तु कुंजिकया देविहीनां सप्तशतीं पठेत्।

धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नी वां वीं more info वूं वागधीश्वरी ।

ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः

इसके प्रभाव से जातक उच्चाटन, वशीकरण,  मारण, मोहन, स्तम्भन जैसी सिद्धि पाने में सफल होता है.

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